ऑफिस का निर्माण
ऑफिस का भूखंड आयताकार अथवा वर्गाकार होना चाहिए | भारी निर्माण दक्षिण एवं पश्चिम में करना चाहिए क्योकि ये नकारात्मक दिशा है | अधिक रिक्त स्थान पूर्व एवं उत्तर में छोड़ना चाहिए | सतह की ढलान पूर्व, उत्तर अथवा उत्तर-पूर्व की और होनी चाहिए | भवन की उचाई चारो ओर से सामान होनी चाहिए | जल स्रोत्र उत्तर-पूर्व अथवा पूर्व में होना चाहिए | वाटर पंप उत्तर अथवा पूर्व में अच्छा माना जाता है | किन्तु ओवर हेड टैंक उत्तर - पूर्व में होना एक बड़ा वास्तु दोष है, इसलिए टैंक का निर्माण दक्षिण - पश्चिम दिशा में करना चाहिए | सीढियों का निर्माण ऑफिस के दक्षिण अथवा पश्चिम हिस्से में करना चाहिए | ऑफिस के मध्य में सीढियाँ अच्छी नहीं मानी जाती | टॉयलेट का निर्माण पश्चिम अथवा उत्तर-पश्चिम में किया जा सकता है | उत्तर-पूर्व एवं उत्तर-पश्चिम दिशा टॉयलेट के लिए प्रयोग में नहीं लाना चाहिए | ऑफिस किसी मंदिर, कब्रिस्तान, अथवा अस्पताल के निकट नहीं होना चाहिए |
ऑफिस की आंतरिक सज्जा
रिसेप्शन उत्तर-पूर्व में बनाना चाहिए तथा रिसेप्शनिस्ट के बैठने की व्यवस्था उत्तर अथवा पूर्वमुखी होनी चाहिए | प्रतीक्षालय भवन के उत्तर-पूर्व अथवा उत्तर-पश्चिम दिशा में बनाया जा सकता है | किन्तु उत्तर-पूर्व कोने को मंदिर के लिए छोड़ना चाहिए तथा उत्तर-पूर्व दिशा में फूल लगाने चाहिए | चेअरमैन अथवा जनरल मैनेजर का ऑफिस दक्षिण - पश्चिम अथवा दक्षिण दिशा में बनाना चाहिए | उसे दक्षिण - पश्चिम दिशा में उत्तरमुखी होकर बैठना चाहिए तथा उसका टेबल आयताकार होना चाहिए | कर्मचारियों को उत्तर अथवा पूर्वमुखी बैठना चाहिए | किसी भी कर्मचारी को किसी बीम के निचे नहीं बैठना चाहिए | यदि दूसरा विकल्प नहीं हो तो बीम को लकड़ी के बोर्ड के द्वारा ढंक देना चाहिए |
भारी अलमारी दक्षिण - पश्चिम दिशा में स्थापित करें जिसमे कि सभी महत्वपूर्ण दस्तावेज़ रखे जाते हैं | ऑफिस का किचन भवन के दक्षिण - पूर्व में बनाना चाहिए क्योंकि दक्षिण-पूर्व अग्नि की दिशा है | ऑफिस के मध्य भाग में कोई भारी निर्माण नहीं होना चाहिए | ऑफिस को हल्के रंगों से रंगें | गहरे रंगों का प्रयोग न करें क्योंकि इससे जल्दी गुस्सा आता है | ऑफिस के द्वार एवं खिडकिया उत्तर एवं पूर्व दिशा की होनी चाहिए | ऑफिस में निराशा को प्रदर्शित करती कोई तस्वीर नहीं लगनी चाहिए |
कुच्छ अन्य महत्वपूर्ण टिप्स
पूर्वमुखी ऑफिस काफी लाभदायक माना जाता है |
भूखंड के अनियमित आकर पर ऑफिस का निर्माण उपयुक्त नहीं है |
जल संसाधन अथवा कोई भी जल स्रोत्र ऑफिस के उत्तर - पूर्व में स्थापित करें |
ग्राहकों को सेवा देते वक्त मालिक को उत्तरमुखी होकर बैठना चाहिए |
उत्तर अथवा पूर्व दिशा पदाधिकारियों एवं अन्य कर्मचारियों के लिए उपयुक्त है |
प्रबंधिक स्तर एवं अन्य उच्च स्तर के लोगों के बैठने की व्यवस्था दक्षिण अथवा पश्चिम में इस प्रकार करे कि बैठते समय उनका मुख उत्तर अथवा पूर्व दिशा की ओर रहे |
ऑफिस का उत्तर-पूर्व हिस्सा बिलकुल खाली छोड़ देना चाहिए तथा वहां जल स्रोत्र स्थापित करना चाहिए |
कंप्यूटर रूम दक्षिण-पूर्व में होना चाहिए |
मार्केटिंग विभाग उत्तर-पश्चिम में होना चाहिए |
कैशियर को उत्तर में बैठना चाहिए |
प्रोजेक्ट विभाग एवं अन्य सम्बंधित विभाग दक्षिण अथवा पश्चिम में होना चाहिए |
किसी भी द्वार के सामने किसी प्रकार का अवरोध नहीं होना चाहिए |
यह सभी बातें अगर आप अपने ऑफिस में उपयोग में लातें हैं तो आप देखेंगे कुछ ही समय में आपके ऑफिस में पॉजिटिव वातावरण होगा | जिससे की आपको अपने व्यापार में काफी लाभ मिलेगा | अगले पोस्ट में हम आपको बताएंगे की आप अपने ऑफिस में किस प्रकार फाइलिंग करें | जिससे आपके आयात - निर्यात, कैश - फ्लो , क्रेडिट - डेबिट में फाएदा प्राप्त हो |
धन्यवाद
Acharya Rahul Singh
Dhawan Dharm Astrology
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